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जैसा कि हमने पिछले चैप्टर में पढ़ा कि निशा के फोन पर किसी अंजान शख्स का कॉल आया था और उसे अपने पास्ट लाइफ की कुछ बातें याद आती है ।

निशा अभी सोच ही रही थी कि इस परिवार को कैसे लाइन पर लाया जाय तभी उसे बाहर एक कार रुकने की आवाज आती है और उसके फोन पर मैसेज फ्लैश होता है"दीदी मै ओर सोनाली sunshine club जा रहे है, हम सोच रहे है कितना अच्छा हो आप भी हमारे साथ चले, प्लीज़ दी मना मत करना" ये मैसेज पढ़ते हुए निशा विंडो से बाहर देखती है जहां एक कार खड़ी थी।

उसने अपनी पलके झपकाई और दोबारा क्लब जाने के लिए ready हुई उसने अब एक वन पिस पहना हुआ था।

"ये... ये वही कार है... लेकिन लगता है अब वार करने का स्टाइल बदल गया है, इंट्रस्टिंग" वो खुद में बुदबुदाई  पिछले जन्म की धुंधली परी  तस्वीरें अब तेज़ी से उसकी आंखों के सामने घूमने लगीं।

जिस सुबह वो जेल गई थी, ठीक उस रात यही कार उसके घर के बाहर खड़ी थी। और कार से निकला था एक चेहरा जिसे वो जानती तक नहीं थी। 

वो था जगदीप धनकड़ एक जाना माना डायरेक्ट जिसका फिल्म जगत में बहुत नाम था। उसकी फिल्म हमेशा हिट जाती थी और उसका नाम A लिस्ट डायरेक्टर में आता था भले ही वो उस लिस्ट में वो लास्ट नंबर पर था। उसके घर पर आया था उसने उसे देखा था घर के अंदर उसके डैड इंद्रजीत सहाय के साथ आते हुए उस समय वो इसी घर में रहती थी। उस रात क्या हुआ उसे समझ ही नहीं आया था।

उसे बस उस रात अपने कमरे में किसी के आने का अहसास हुआ था और फिर उसे ऐसा लगा किसी ने उसके मुंह को बंद कर दिया था। और जब होश आया तो उसके हाथ ने गण थी और वो जमीन पर बेबस बैठी हुई थी उसके सामने एक लाश पड़ी थी। जिसके बारे में उसे कुछ नहीं पता था लेकिन जब उसे होश आया सब उसपर इल्जाम लगा रहे थे कि उसने मर्डर किया है और उसने भी लगभग मान लिया था क्योंकि उसे कुछ याद नहीं था और सारे सबूत उसके खिलाफ था।

उसने गौर से उस कार को देखा ये वही वही कार थी"क्या सच में वो इस कार के अंदर बैठा होगा। जो भी हो देखते हैं इस बार मुझे जेल भेजने के लिए इन्होंने क्या प्लान किया है।" उसने अपने फोन से एक मैसेज सेंड कर वापस रख दिया। 

पिछली बार इनलोगों ने उसकी मां को इस बारे। में इन्फॉर्म कर दिया जिससे उनकी हालात खराब हो गई थी"जरूर इनमें से कोई उन्हें इन्फॉर्म करने गया होगा।" 

लेकिन जन्म में संध्या ने अपनी बेटी को खुद अपने हाथों से बड़ा किया और उसे उसकी काबिलियत के बारे में अच्छे से पता था। लेकिन फिर भी उसने अपनी एक दोस्त को उनके पास भेज दिया था। अब उसे देखना था कि आखिर इस बार इनलोगों ने कौन सी साजिश रची है। 

वो आराम से उस कार में बैठ जाती है वही प्राची जो पहले से कार में बैठी हुई थी वो निशा को देख मन ही मन चिढ़ने लगती हैं क्योंकि वो सच में बहुत खूबसूरत लग रही थी। लेकिन आगे बैठी सोनाली के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कराहट लिए सोचती है"तुम्हे नहीं पता, तुम्हारी ये खूबसूरती हमारे रस्ते का कांटा बना हुआ है, नहीं कल तक बना हुआ था लेकिन अब नहीं क्योंकि जल्द ही यही खुबसूरती तुम्हे बर्बाद कर देगी और कल से तुम किसी को अपना शक्ल नहीं दिखा पाओगी लेकिन उन सब के सोच से दूर निशा बहुत शान्ति से बैठे कार के बाहर देखते हुए अंदाजा लगा रही थी कि इन दिनों की सोच किस हद तक जा सकती है। 

तभी प्राची अपनी जलन को छुपाते हुए पूछती है"दीदी, आप कितनी खूबसूरत हो कोई भी आप को एक बार देख ले तो देखते रह जाएगा उसकी नजर आप पर से हटेगी नहीं।"

सोनाली भी उसे जॉइन करते हुए कहती हैं "बिल्कुल सही अगर आप हमारी इंडस्ट्री को ज्वाइन करेंगी तो बाकी सब की छुट्टी हो जाएगी।"

क्या प्लान बना रही है सोनाली ओर प्राची मिल कर?

क्या ये साज़िश दोबारा उसकी ज़िंदगी को आग में झोंक देगी?

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